दूसरे झटके का मुख्य केंद्र था बुग्याल का वन क्षेत्र वहीं 8:19 बजे फिर 3.5 तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए। जिसका केंद्र तहसील भटवाड़ी के दायरा बुग्याल के वन क्षेत्र में था। उक्त क्षेत्र अन्तर्गत किसी भी प्रकार की जानमाल की हानि नहीं हुई है। इसके अलावा 10:59 पर भी भूकंप आया।
घरों से बाहर की ओर दौड़े लोग
ये भी बताया जा रहा है कि जिले में ये दूसरी बार है जब भूकंप के झटके से धरती हिल गई। शुक्रवार को भूकंप का झटका इतना तेज था कि रोजमर्रा के कामों में लगे लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।
वरुणावत पर्वत के भूस्खलन जोन से भी गिरे पत्थर
भूकंप के झटके के दौरान वरुणावत पर्वत के भूस्खलन जोन से भी पत्थर गिरने लगे। आपको बता दें कि वरुणावत पर्वत से कई बार भूस्खलन हो चुका है। हालांकि अभी तक किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। इसके साथ ही, भूकंप से हुए नुकसान की भी पड़ताल की जा रही है।
इस भूकंप के झटके से वर्ष 1991 में आई विनाशकारी भूकंप की कड़वी यादें भी ताजा हो गयीं। उस दौरान रिक्टर पैमाने पर 6.6 तीव्रता का भूकंप आया था, जिससे भारी नुकसान हुआ था।वर्ष 1991 के विनाशकारी भूकंप के बाद से यहां लगातार छोटे-मोटे भूकंप के झटके लगातार आ रहे हैं। अब तक 70 से अधिक भूकंप के छोटे झटके आ चुके हैं।